श्रवण गंगा सेवा समिति के प्रमुख कार्य

  • श्रवण गंगा सेवा समिति के द्वारा हर वर्ष सावन के महिने व महाशिव रात्री पर विशाल कावड़ शिविर का आयोजन जिसमें भोजन, दवाई, विश्राम आदि और सामाजिक स्थलों व धर्म स्थलों पर भण्डारे का आयोजन करवाते रहना।
  • श्रवण गंगा सेवा समिति के द्वारा हर वर्ष विशाल दंगल का आयोजन करवाना व शारीरिक और मानसिक स्वास्थ के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए क्षेत्रीय, ग्राम पंचायत व जिला पंचायत स्तर पर कबड्डी, क्रिकेट इत्यादि खेलों की प्रतियोगिता करवाते रहना।
  • श्रवण गंगा सेवा समिति के द्वारा गरीब, अनाथ बच्चों व बुजुर्गों को शीत ऋतु में गर्म कपड़े व कम्बल की व्यवस्था करते रहना और जरूरत मंद लोगों कों खाध एवं रसद पदार्थ उपलब्ध कराना।
  • श्रवण गंगा सेवा समिति के द्वारा समय-समय पर रक्तदान शिविर का आयोजन व क्षेत्रीय जनमानस के स्वास्थ से सम्बन्धित या अचानक दुर्घटना होने पर इलाज की उचित व्यवस्था और दिव्यांग लोगों को बॉकर व ट-साईकिल उपलब्ध कराना। श्रवण गंगा सेवा समिति के द्वारा हर वर्ष स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर विशाल तिरंगा यात्रा का आयोजन करना ।
  • श्रवण गंगा सेवा समिति के द्वारा स्मार्ट शिक्षा हेतु एल ई डी टीवी उपलब्ध कराकर स्मार्ट विद्यालय बनाने में सहयोग
  • श्रवण गंगा सेवा समिति के सीपना दिवस पर हर वर्ष क्षेत्रीय आम जनमानस एवं सन्त समागम व सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन ।
  • श्रवण गंगा सेवा समिति के द्वारा क्षेत्र व पंचायत स्तर सांस्कृति कार्यक्रम व मन्दिर, धर्मशाला, तीर्थ स्थल के जीर्णोद्धार में सहयोग / सामाजिक व धर्मस्थलों पर नल, लाईट व संजावट और जरूरतमंद लोगों को रहने के लिए टीन सेट / कमरे का निर्माण कराते रहना ।
  • श्रवण गंगा सेवा समिति के द्वारा हर माह की पूर्णिमा को निःस्वार्थ भाव से श्रद्धालुओं को गंगा स्नान कराना ।
  • श्रवण गंगा सेवा समिति द्वारा क्षेत्रीय लोगों के द्वारा समिति कार्यालय पर सम्पर्क करने पर उनकी समस्याओं का निदान करना।
  • श्रवण गंगा सेवा समिति द्वारा पर्यावरण में सहयोग हेतु हर वर्ष वृक्षारोपण का आयोजन करना व युवाओं में बुजुर्गों के प्रति नैतिक शिक्षा व नैतिकता के लिए शिविर का आयोजन कराना और प्राकृतिक खेती व देशी गायों के पालन हेतु किसानों को जगह-जगह पर जाकर प्रोत्साहित करना और निराश्रित गोवंशो की उचित देखभाल
  • ग्रामीणों के साथ समन्वय स्थापित कर गौशालाओं में भिजवाना व गौशलाओं में समय-समय पर चारे की व्यवस्था करना ।

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